नई दिल्ली : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एमएसएमई कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की प्रगति, निवेश की संभावनाओं और औद्योगिक विकास की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र राज्य के लिए विकास का प्रमुख इंजन है, जो कम पूंजी निवेश में अधिकतम रोजगार सृजन की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है, बल्कि स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड में अब तक 78,826 एमएसएमई इकाइयाँ स्थापित हो चुकी हैं, जिनमें से 57 प्रतिशत पर्वतीय क्षेत्रों में हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार की नीतियाँ पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में सफल रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से अब तक 28,370 नई एमएसएमई इकाइयाँ स्थापित हुई हैं, जिनमें लगभग ₹4,000 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है और 1.32 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि राज्य की औद्योगिक नीति, निवेशक हितैषी वातावरण और पारदर्शी शासन व्यवस्था ने उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने में निर्णायक भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से निवेश आकर्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए। इस समिट के दौरान ₹3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौते (MoUs) किए गए, जिनमें से लगभग ₹1 लाख करोड़ की परियोजनाएँ अब धरातल पर उतर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन निवेशों के माध्यम से राज्य में औद्योगिक बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे रोजगार सृजन के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए औद्योगिक नीति, एमएसएमई नीति, स्टार्टअप नीति और लॉजिस्टिक नीति सहित कई नीतिगत सुधार किए हैं। राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से निवेशकों को सभी स्वीकृतियाँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे समय की बचत और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) को दोगुना करने में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश आज ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखण्ड सरकार स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के माध्यम से राज्य के पारंपरिक उत्पादों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों, निवेशकों और नीति निर्माताओं से संवाद किया तथा उन्हें राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों और सुविधाओं के बारे में अवगत कराया।