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हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज दोपहर बंद, क्षेत्र बर्फ से सफेद

by badhtauttarakhand

ज्योतिर्मठ (चमोली): उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शुक्रवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। भारी बर्फबारी से पूरा क्षेत्र सफेद चादर ओढ़ चुका है, फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। बड़ी संख्या में भक्त घांघरिया पहुंच चुके हैं, जो इस समापन समारोह के साक्षी बनने के लिए उत्सुक हैं।

हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि सुबह 10 बजे सुखमणी साहिब के पाठ के बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। कीर्तन के बाद गुरु ग्रंथ साहिब को सचखंड में सुशोभित किया जाएगा, उसके पश्चात दोपहर 2 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। वहीं, लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट दोपहर 12:31 बजे परिसर में ही बंद कर दिए जाएंगे। दोनों धार्मिक स्थल एक ही परिसर में स्थित हैं।

139 दिनों की यात्रा का समापन

इस वर्ष हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। 10 अक्टूबर तक चली इस यात्रा में कुल 2 लाख 72 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। ठंड के बढ़ते प्रकोप और ऊंचाई वाली दुर्गम चोटी पर बर्फबारी के कारण शीतकाल में कपाट बंद करना आवश्यक हो जाता है। ट्रस्ट ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, जिसमें अंतिम अरदास और कीर्तन का विशेष आयोजन शामिल है।

पिछले दिनों हुई भारी बर्फबारी ने क्षेत्र को बर्फ की मोटी चादर से ढक दिया है, जिससे पहुंचना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। फिर भी, सिख समुदाय के अलावा अन्य धर्मों के भक्त भी इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आकर्षित हुए। हेमकुंड साहिब, जो हिमालय की गोद में 15,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली के रूप में जाना जाता है।

ट्रस्ट अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की मार झेलते हुए सावधानी बरतें और यात्रा के अंतिम चरण में ट्रस्ट के निर्देशों का पालन करें। कपाट बंद होने के बाद अगली यात्रा मई 2026 में फिर शुरू होगी। यह समापन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हेमकुंड यात्रा से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।