गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिला मुख्यालय की नगर पालिका परिषद की ओर से पालिका क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भवन कर थोपे जाने पर ग्रामीणों ने गुस्से का इजहार किया है। मामले में पालिकाध्यक्ष से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
पालिका के सभाषद पूजा असवाल, सुशीला देवी, विनोद कुमार, मनमोहन सिंह नेगी, सूर्य पुरोहित, उमेश सती, संजय कुमार व सावित्री बिष्ट, पूर्व सभाषद उपेद्र भंडारी, नवल भट्ट, ऊषा फरस्वाण व जय सिंह रावत आदि ने कहा कि पालिका क्षेत्र के मूल गांव सगर, गंगोल गांव, पाडुली, पपडियाणा, ग्वीलों, कोठियालगांव तथा क्षेत्रपाल पहले तक ग्राम पंचायतों के अधीन रहे है। पालिका गठन के दौरान कुछ शर्तों के साथ इन्हें नगर निकाय में शामिल किया गया। यहां के लोगों का परिवेश आज भी ग्रामीण जैसा ही है। ग्रामीण निजी भूमि पर ऋण, आर्थिक सहयोग लेकर मकान बनाए हुए है। निजी मकानों पर कोई भी किराएदार अथवा सरकारी ऑफिस नही है। इसके बावजूद पालिका द्वारा भवन कर के नोटिस जारी किए जा रहे है। इससे ग्रामीणों में हडकंप मचा हुआ है।
उन्होंने कहा गया है कि पहले भी पालिका की ओर से गांव में सर्वे कराया गया था। इसमें ग्रामीणों को जानकारी दी गई थी कि पालिका अपनी संपत्ति का ब्योरा संकलित कर सीमांकन कर रही है। इसके चलते सर्वेक्षण पूरी तरह गोपनीय तरीके से किया गया। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा जारी नोटिस में धाराओं का जिक्र कर ग्रामीणों डराया धमकाया जा रहा है। इसलिए भवन कर के नोटिस को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।